हार्डवेयर >> ग्राफिक प्रोसेसर (चित्र कार्यवाहक) ग्राफिक प्रोसेसर (चित्र कार्यवाहक)संपादकीय
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आज के समय के कम्प्यूटरों, मोबाइल फोन इत्यादि का एक अत्यंत आवश्यक अंग...
कम्प्यूटर के आरंभिक दिनों में उनका प्रयोग केवल इंजीनियर अथवा प्रोग्रामर ही करते थे। उनके लिए अक्षरों और संख्याओं से खेलना साधारण काम था। इसलिए इस काम को कुछ लोग ही कर पाते थे। फिर धीरे-धीरे प्रगति होने लगी और अक्षरों के साथ-साथ पूरी स्क्रीन पर चित्रों अथवा चलचित्रों का प्रयोग भी होने लगा।
हम जानते हैं कि कम्प्यूटर अपने सारे काम मानवीय अथवा अन्य कम्प्यूटरों के निर्देशों का पालन करते हुए पूर्ण करता है। आरंभ में आगम (इनपुट) और निर्गम (आउटपुट) दोनों ही साधारण अक्षरों का प्रयोग करते हुए किया जाता था। जब और प्रगति हुई तो आगम और निर्गम दोनों ही चित्रों के द्वारा भी किए जाने लगे। उदाहरण के लिए पहले पीसी डॉस मुख्यतः अक्षरों का प्रयोग करते थे। परंतु कुछ समय बाद मोटिफ अथवा एक्स विंडोस के आधार पर मिलती जुलती एप्पल मेकिनटॉश और माइक्रोसॉफ्ट विंडोस का आगमन होने लगा । इस प्रकार चित्रों के द्वारा आगम (इनपुट) लेने के लिए कार्यवाहक (प्रोसेसर) को और अधिक कार्य करने की आवश्यकता पड़ने लगी। इस समस्या का समाधान करने के लिए एक और सह कार्यवाहक (कोप्रोसेसर) की आवश्यकता पड़ी। इसलिए इस सहायक कार्यवाहक को ग्राफिक प्रोसेसर कहा गया। इस कार्यवाहक (प्रोससर) का मुख्य कार्य चित्रों, चलचित्रों और कम्यूटरीकृत खेलों लिए कार्य करन होता है।
चित्र कार्यवाहकों (ग्राफिक प्रोसेसर) को मुख्यतः कम्प्यूटर पटल पर चित्रों, चलचित्रों अथवा त्रि-आयामी (3D) चित्रो को रेंडर (स्क्रीन पर चित्रों में रंग भरने) करने के लिए बनाया गया था। समय के साथ चित्रों के साथ कार्य करने में दक्ष प्रोग्रामरों नें इसमें विशेष कुशलता प्राप्त कर ली और वे चित्रों में रंगो, प्रकाश अथवा गहराई के स्तर में परिवर्तन लाकर चित्रों को बहुत हद तक सजीव बना लेने में सक्षम हो गये। इस प्रकार के चित्र कार्यवाहक (ग्राफिक प्रोसेसर) अब कम्प्यूटर, मोबाइल फोन और टैबलेट इत्यादि में क्रांति लाने में सक्षम हुए हैं।
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