| शब्द का अर्थ | 
					
				| व्यर्थ					 : | वि० [सं० वि-अर्थ, प्रा० ब०] [भाव० व्यर्थता] १. अर्थ से रहित। अर्थ हीन। २. धन हीन। ३. जो उपयोग में न आने को हो। ४. जिसकी कुछ भी आवश्यकता न हो। ५. जो लाभप्रद न हो। निरर्थक। अव्य० बिना किसी आयोजन के। | 
			
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				| व्यर्थक					 : | वि० [सं० व्यर्थ+कन्] निरर्थक। | 
			
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				| व्यर्थता					 : | स्त्री० [सं० व्यर्थ+तल्+टाप्] व्यर्थ होने की अवस्था या भाव। | 
			
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				| व्यर्थन					 : | पुं० [सं०] १. व्यर्थ सिद्ध करना। महत्व, प्रयोजन आदि नष्ट करना। २. आज्ञा, निर्णय आदि को रद्द करना। (नलिफिकेशन) | 
			
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