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			| शब्द का अर्थ |  
				| वज्र-यान					 : | पुं० [सं० उपमित० स०] बौद्ध धर्म का वह रूप जिसमें देवता, मंत्र, गुह्य साधना, अभिचार आदि तांत्रिक प्रवृत्तियों की प्रधानता है। विशेष—आरंभिक बौद्ध साधक शून्य को ही परमतत्व मानकर उसकी उपासना करते थे, और इसीलिए उसे वज्र (देखें) कहते थे क्योंकि उसमें भी वज्र की सी अभेद्यता और कठोरता थी इसी आधार पर इस साधना मार्ग का यह नाम पड़ा था। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| वज्र-यानी (निन्)					 : | वि० [सं० वज्रयान+इनि] वज्रयान सम्बन्धी। वज्रयान का। पुं० बौद्धों के वज्रयान पन्थ का अनुयायी। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |