रास्ता/raasta

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रास्ता  : पुं० [फा० रास्तः] १. वह कच्ची या पक्की जमीन जिस पर लोग सामान्यतया चलते-फिरते या आते-जाते रहते हैं। मुहावरा—रास्ता कटना=चलने से रास्ता पार या पूरा होना। जैसे—बात-चीत में ही आधा रास्ता कट गया। (किसी का) रास्ता काटना=किसी के चलने के समय उसके सामने से होकर किसी का निकल जाना। जैसे—बिल्ली रास्ता काट गई। रास्ता देखना या पकड़ना= (क)मार्ग का अवलंबन करना। रास्ते पर चलना। (ख) कहीं से हटकर चले जाना। जैसे—अच्छा, अब तुम अपना रास्ता देखो। (या पकड़)। (किसी का) रास्ता देखना=प्रतीक्षा करना। हटाना। (ख) इधर-उधर की बातें करके टालना। रास्ते पर लाना=सुमार्ग पर चलाना। अच्छे या ठीक रास्ते पर लगाना। रास्ते लगना= (क) चल पड़ना। (ख) ऐसे मार्ग पर चलना जिससे उद्देश्य सिद्ध हो। २. प्रथा। रीति। चाल। जैसे—अब तो आपने यह नया रास्ता चला ही दिया है। ३. उपाय। तरकीब। युक्ति। जैसे—अभी तो इस संकट से निकलने का रास्ता सोचना है। मुहावरा—(किसी को) रास्ता बताना= (क) उपाय, तरकीब या युक्ति बताना। (ख) कोई काम करने का ढंग बताना या सिखाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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