तमक/tamak

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तमक  : स्त्री० [हिं० तमकना] १. तमकने की क्रिया या भाव। २. आवेश। जोश। ३. तीव्रता। तेजी। ४. क्रोध। गुस्सा। पुं० दे० ‘तमक श्वास’ (रोग)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
तमक-श्वास  : पुं० [सं०√तम्+बुन्-अक, तमक-श्वास, कर्म० स०] सुश्रुत के अनुसार श्वास रोग का एक भेद जिसमें दम फूलने के साथ-साथ बहुत प्यास लगती है, पसीना आता है और मतली तथा घबराहट होती है।
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तमकनत  : स्त्री० [अ०] १. अधिकार। जोर। वश। २. गौरव। प्रतिष्ठा। ३. गौरव या प्रतिष्ठा का अनुचित प्रदर्शन। ४. आडंबर। टीम-टाम। ५. अभिमान। घमंड।
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तमकना  : अ० [अ०] १. आवेश या क्रोधपूर्वक बोलने को उद्यत होना। उदाहरण–-सो सुनि तमक उठी कैकेई।–तुलसी। २. क्रोध के कारण चेहरा लाल होना। तमतमाना।
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तमकाना  : स० [हिं० तमकना का स०] १. किसी को तमकने में प्रवृत्त करना। २. क्रोध के आवेश में कुछ (हाथ आदि) उठाना। उदाहरण–दोउ भुजदंड उद्दंड तोलि ताने तमकाए।–रत्नाकर।
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