शब्द का अर्थ
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डाँवाँ-डोल :
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वि० [डाँवाँ (अनु०)+हिं० डोलना] १. साधारणतया अचल या स्थिर रहने वाली वस्तु के संबंध में, जो सहसा किसी आघात के फलस्वरूप इधर-उधर हिलने-डुलने लगे। जैसे–हिलोर के कारण नाव या भूकंप के कारण पृथ्वी का डाँवाडोल होना। २. व्यक्ति अथवा उसके चित् के संबंध में, जो अधिक चिंतित या भावुक होने के कारण किसी निश्चिय तक पहुँच पाता हो। ३. स्थिति के संबंध में, जिसमें दो विभिन्न पक्षों में संतुलन न होने के कारण किसी परिणाम का ठीक-ठीक अनुमान न होता हो। जैसे–व्यापार का डाँवाँडोल होना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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