गोत्र/gotr

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

गोत्र  : पुं० [सं० गो√त्रै (पालन करना)+क] १. संतति। संतान। २. नाम। संज्ञा। ३. क्षेत्र। ४.वर्ग। समूह। ५. राजा का छत्र। ६. बढ़ती। वृद्धि। ७. धन-संपत्ति। दौलत। ८. पर्वत। पहाड़। ९. बंधु। भाई। १॰. कुल। वंश। ११. भारतीय आर्यों में किसी कुल या वंश का एक प्रकार का अल्ल या संज्ञा जो किसी पूर्वज अथवा कुल गुरू ऋषि के नाम पर होती है। वंश-नाम। जैसे–काश्यप, शडिल्य भारद्वाज आदि गोत्र।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गोत्र-कार  : पुं० [सं० गोत्र√Öकृ (करना)+अण्, उप० स०] वह ऋषि जो किसी गोत्र के प्रवर्तक माने जाते हों।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गोत्र-प्रवर्तक  : वि० [ष० त०] (ऋषि) जो किसी गोत्र के मूल पुरूष माने जाते हों। जैसे–भारद्वाज, वसिष्ठ आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गोत्र-सुता  : स्त्री० [ष० त०] पार्वती।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गोत्रज  : वि० [सं० गोत्र√Öजन् (उत्पन्न होना)+ड,उप.स०] १. किसी के गोत्र में उत्पन्न। २.वे जो एक ही गोत्र में उत्पन्न हुए हो। गोती।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गोत्रा  : स्त्री० [सं० गोत्र+टाप्] १. गौओं का झुंड या समूह। २. पृथ्वी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गोत्री(त्रिन्)  : वि० [सं० गोत्र+इनि] एक ही अर्थात् समान गोत्र में उत्पन्न होनेवाले व्यक्ति। गोती।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गोत्रोच्चार  : पुं० [गोत्र-उच्चार, ष० त० ] १. विवाह के समय वर और वधू के वंश, गोत्र और पूर्वजों आदि को दिया जानेवाला परिचय। २. किसी के पूर्वजों तक को दी जानेवाली गालियाँ (परिहास और व्यंग्य)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ