शब्द का अर्थ
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क्रीत :
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भू० कृ० [सं०√क्री (खरीदना)+क्त] क्रय किया हुआ खरीदा या मोल लिया हुआ। पुं० १. पंद्रह प्रकार के दासों में से वह जो मोल लेकर दास बनाया गया हो। २. दे० ‘क्रीतक’। स्त्री०=क्रीर्ति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्रीतक :
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पुं० [सं० क्रीत+कन्] मनु के अनुसार बारह प्रकार के पुत्रों में से वह जो किसी से मोल लेकर अपना बनाया गया हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
क्रीतानुशय :
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पुं० [सं० क्रीत-अनुशय, स० त०] कोई वस्तु खरीद चुकने पर उसे लौटाने के लिए होनेवाला विवाद। (धर्मशास्त्र) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |