शब्द का अर्थ
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कौमुद :
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पुं० [सं० कौ√मुद् (प्रसन्न होना)+क, अलुक्० स०] कार्तिक मास। कातिक। |
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कौमुदिक :
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वि० [सं० कुमुद+ठक्-इक] कुमुद-संबंधी। |
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कौमुदिका :
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स्त्री० [सं० कौमुदी+कन्-टाप्, ह्रस्व]=कौमुदी। |
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कौमुदी :
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स्त्री० [सं० कुमुद+अण्-ङीष्] १. चंद्रमा की चाँदनी। ज्योत्सना। २. कार्तिक मास की पूर्णिमा। ३. आजकल की दीवाली। दीपावली। ४. कुमुदिनी। कोई। ५. दक्षिण भारत की एक नदी। ६. किसी ग्रन्थ के गूढ़ तत्त्वों या विचारों पर प्रकाश डालनेवाली उसकी टीका या व्याख्या। ७. दे० ‘कौमुदी-महोत्सव’। |
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कौमुदी-चार :
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पुं० [ब० स०] कार्तिक पूर्णिमा। शरद पूर्णिमा। |
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कौमुदी-पति :
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पुं० [ष० त०] चंद्रमा। |
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कौमुदी-महोत्सव :
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पुं० [ष० त०] प्राचीन भारत में कौमुदी (अर्थात् कार्तिक मास की पूर्णिमा) के दिन होनेवाला एक त्योहार या महोत्सव। |
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