शब्द का अर्थ
|
किलकी :
|
स्त्री० [फा० किलक=नरकट या कलम] बढ़इयों का एक औजार जिससे वे काष्ठ पर निशान लगाते हैं। स्त्री० [हिं० किलकना] १. किलकने की क्रिया या भाव। २. बेचैनी। विकलता। उदाहरण—धुनि सुनि कोकिल की बिरहिन को किलकी।—सेनापति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|