शब्द का अर्थ
|
कसम :
|
स्त्री० [अ०] ईश्वर को साक्षी मानकर कही जानेवाली बात। शपथ। सौगंध। मुहा०—कसम उतारना=ऐसा उपचार या कार्य करना, जिससे कसम के उत्तरदायित्त्व से मुक्ति हो जाय। कसम पूरी न करने के कारण होनेवाले दोष का परिहार करना। कसम खाना=शपथ या सौगंध करना। शपथपूर्वक कहना या प्रत्रिज्ञा करना। कसम तोड़ना=(क) शपथपूर्वक कोई बात कहकर पूरी न करना। (ख)=कसम उतारना। कसम देना या दिलाना=किसी को शपथ देकर उसके द्वारा उसे बाँधना या बाध्य करना। कसम लेना=कसम या शपथपूर्वक किसी से कोई बात कहलाना। किसी काम या बात की शपथ कराना या लेना। पद—कसम खाने को=नाममात्र को। बहुत थोड़ा या यों ही। जैसे कसम खाने को आप भी वहाँ हो आये। (अर्थात् गये और तुरन्त चले आये।) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कसमस :
|
स्त्री०=कसमसाहट। स्त्री० [अनु०] १. कसमसाने की क्रिया या भाव। २. थोड़ा-बहुत इधर-उधर हिलने की क्रिया या भाव। ३. बहुत सामान्य रूप से की जानेवाली कोई चेष्टा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कसमसाना :
|
अ० [अनु०] १. बहुत थोड़ा या नाममात्र को इधर-उधर हिलना-डुलना। जैसे—यह घंटों से यों ही पड़ा है, कसमसाया तक नहीं। २. बहुत ही थोड़ी या हलकी-सी चेष्टा या प्रयत्न करना। ३. कुछ करने के लिए थोड़ा-बहुत उत्सुक या सक्रिय होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कसमसाहट :
|
स्त्री० [हिं० कसमसाना] कसमसाने की क्रिया या भाव। कसमस। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कसमसी :
|
स्त्री०=कसमस।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कसमा-कसमी :
|
स्त्री० [हिं० काम] १. परस्पर शपथपूर्वक की हुई प्रतिज्ञा। २. दूसरे को कोई काम करने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ देखकर स्वयं भी वैसा ही या उससे उलटा काम करने के लिए आपस में खाई जानेवाली कसमें। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कसमिया :
|
क्रि० वि० [अ० कस्मिः] कसम खाकर। शपथपूर्वक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |