कपड़ा/kapada

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कपड़ा  : पुं० [सं० कर्पण; प्रा० कप्पड़ ; दे० प्रा० कंपड़े; र्सि० कपग; मरा० गुं० बँ०, उ० कापंड ; पं० कप्पड़ा] १. ऊन, रूई, रेशन आदि के तागों अथवा वृक्षों की छालों के तंतुओं से बुना हुआ पदार्थ जो ओढ़ने, बिछाने, पहनने आदि के काम आता है। (क्लाथ) २. पहनावा। पोशाक। मुहा०—(किसी के) कपड़े उतार लेना=किसी का सब कुछ छीन या लूट लेना। कपड़े छीनना=पल्ला छुड़ाना। पीछा छुड़ाना। (अपने) कपड़े रँगना=गेरुए वस्त्र पहनकर त्यागी या साधु बनना। (स्त्रियों का) कपड़ों से होना=मासिक धर्म में होना। एकवस्त्रा होना। रजस्वला होना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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