शब्द का अर्थ
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उखमज :
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वि० =ऊष्मज्। पुं० [सं० उष्मज्] उपद्रव, बखेड़ा आदि खड़ा करने के लिए मन में होनेवाला दुष्टतापूर्वक विचार। जैसे—तुम्हें भी बैठे-बैठे उखमज सूझा करता है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उखमज :
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वि० =ऊष्मज्। पुं० [सं० उष्मज्] उपद्रव, बखेड़ा आदि खड़ा करने के लिए मन में होनेवाला दुष्टतापूर्वक विचार। जैसे—तुम्हें भी बैठे-बैठे उखमज सूझा करता है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |