आद्य/aady

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आद्य  : वि० [सं० आदि+यत्] १. आदि या आरंभ में रहने या होनेवाला। २. आरंभिक। ३. प्रधान। मुख्य। ४. जो खाया जा सके।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आद्य-शेष  : पुं० [सं० ब० स०] हिसाब में वह धन जो पहले रोकड़ बाकी के रूप में रहा हो और अब नये खाते या पृष्ठ में गया हो। (ओपनिंग बैलेंस)
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आद्यक्षिक  : पुं० [सं० अद्यक्ष+ठञ्-इक] वह नास्तिक जो केवल प्रत्यक्ष को प्रमाण मानता हो। (तार्किक से भिन्न)।
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आद्यंत  : अव्य० [सं० आदि-अंत, अव्य० स०] आदि से अंत तक। पुं० किसी चीज या बात का आरंभ और अंत।
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आद्या  : स्त्री० [सं० आद्य+टाप्] १. दुर्गा। २. काली। ३. दस महाविद्याओं में से पहली महाविद्या। ४. भूमि। जमीन।
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आद्याक्षर  : पुं० [सं० आद्य-अक्षर, कर्म० स०] कई पदोंवाले नाम के प्रत्येक पद का आरंभिक अक्षर जिसका प्रयोग प्रायः संक्षिप्त रूप में नाम बताने हस्ताक्षर करने आदि के समय होता है। (इनीशियल) जैसे—महावीर प्रसाद द्विवेदी के आद्याक्षर हैं-म० प्र० द्वि।
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आद्याक्षरित  : भू० कृ० [सं० आद्याक्षरं+णिच्+क्त] जिस पर हस्ताक्षर की जगह नाम के केवल आद्याक्षर लिखे गये हों। (इनीशियल्ड)
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आद्योत  : पुं० [सं० आ√द्युत्(दीप्ति)+घञ्] १. क्रांति। चमक। २. प्रकाश। से अंत तक।
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आद्योपांत  : अव्य० [सं० आद्य-उपांत, अव्य० स०] आदि का आरंभ।
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