अपरांग/aparaang

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शब्द का अर्थ

अपराग  : पुं० [सं० अप√रञ्ज्+घञ्] १. प्रेम या राग का विरोधी भाव। २. वैर। शत्रुता। ३. अरुचि। ४. दे० ‘अपरक्ति’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
अपराग्नि  : स्त्री० [सं० अपर-अग्नि, कर्म० स०] १. गार्हपत्य अग्नि। २. चिता की आग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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