साज/saaj

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साज  : पुं० [सं० त० त०] पूर्व भाद्रपद नक्षत्र।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
साज  : पुं० [सं० सज्जा से फा० साज] १. सजाने की क्रिया या भाव। सजावट। सजाने के उपकरण या सामग्री। पद—साज-सामान (देखें)। बडे साज से=खूब सजधज कर। २. संगीत में, बाजे, बाजे या वाद्य-यंत्र जो गाने-बजाने में विशेष रोचकता उत्पन्न करते हैं। मुहा०—साज छोड़ना=बाजा बजाने का काम आरम्भ करना। साज मिलाना=बाजा बजाने से पहले उसका सुर आदि ठीक करना। ३. लड़ाई में काम आनेवाले हथियार। जैसे—तलवार, बंदूक, ढाल, भाला आदि। ५. बढ़इयों का एक प्रकार का रंदा जिससे गोल गलता बनाया जाता है। ६. पारस्परिक अनुकूलता के कारण आपस में होने वाला मेल-जोल या घनिष्ठता। पद—साज-बाज। (देखें) वि० [भाव० साजी] १. बनानेवाला। जैसे—कारसाज=काम बनानेवाला; जिल्दसाज।=पुस्तकों की जिल्द बनानेवाला। २. चीजों की करके उन्हें ठीक बनानेवाला। जैसे—घड़ी-साज=घड़ियों की मरम्मत करनेवाला।
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साज-बाज  : पुं० [सं० साज+बाज (अनु०)] १. आवश्यक सामग्री। साज-सजाना। २. किसी काम या बात के लिए होनेवाली तैयारी और सजावट। ३. आपस में होनेवाली घनिष्ठता। मेल-जोल। हेल-मेल।
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साज-संगीत  : पुं० [फा०+सं०] साज या बाजों पर होनेवाला संगीत। वाद्य संगीत। कंठ-संगीत से भिन्न।
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साज-सामान  : पुं० [फा०] १. वे सब आवश्यक चीजें जो प्रतिष्ठा या मर्यादा के अनुरूप हों। सामग्री। उपकरण। असबाब। जैसे—बरात का साज-सामान। ३. ठाट-बाट।
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साजगिरी  : स्त्री० [देश०] संपूर्ण जाति की एक रागिनी जिसमें सब शुद्ध स्वर लगते हैं।
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साजड़  : पुं०=साजर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
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साजन  : पुं० [सं० सज्जन] १. पति। भर्ता। स्वामी। २. प्रेमी। ३. ईश्वर। ४. भला आदमी। सज्जन। ५. संगीत में, खम्माच ठाठ का एक राग।
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साजना  : स०=सजाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) पुं० ‘साजन’ के लिए सम्बोधक संज्ञा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
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साजर  : पुं० [देश०] गुलू नामक वृक्ष जिससे कतीरा गोंद निकलता है। (दे० ‘गुलू’)
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साजा  : वि० [हिं० सजाना] १. सजा हुआ। २. सुन्दर। ३. अच्छा। बढ़िया।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
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साजात्य  : पुं० [सं० सजानि+ष्यत्र्] सजात या सजाति होने की अवस्था, गुण या भाव जो वस्तु के दो प्रकार के धर्मों में से एक हैं। ‘वैजात्य’ का विपर्याय।
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साजिंदा  : पुं० [फा० साज़िन्दः] १. वह जो कोई साज (बाजा) बजाता हो। साज या बाजा बजानेवाला। २. वेश्याओं आदि के साथ कोई साज या बाजा बजानेवाला।
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साजिया  : वि० [फा० साज़+हिं० इया (प्रत्य०)] सजानेवाला।
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साज़िश  : स्त्री० [फा०] १. मेल। मिलाप। २. दुष्ट उद्देश्य की सिद्धि के लिए होनेवाली अभिसन्धि। षड़-यंत्र।
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साज़िशी  : वि० [फा०] १. जिसमें किसी प्रकार की साजिश हो। २. साजिश करनेवाला। कुचक्री।
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साजुज्य  : पुं०=सायुज्य।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
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