संहर्ष/sanharsh

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संहर्ष  : पुं० [सं० सम्√हृष (हर्षित होना)+घञ] १. प्रसन्नता के कारण शरीरी के रोओ का खड़ा होना। पुलक। उमंग। २. भय से रोयें खड़े होना। रोमांच। ३. लाग-डांट। स्पर्धा। होड़। ४. ईर्ष्या। डाह। ५. रगड़। संघर्ष। ६. शरीर की मालिश।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संहर्षण  : पुं० [सं० सम्√हृष (प्रसन्न होना)+ल्युट्-अन] [भू० कृ० संहर्षित, संहृष्ट] १. पुलकित होना। २. लाग-डाँट। स्पर्धा। होड़।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
संहर्षी  : वि० [सं० सम्√हृष् (रोमांच होना)+णिनि, सहर्षिनी [स्त्री० सहर्षिणी] १. पुलकित होने वाला। २. पुलकित करने वाला। ३. ईर्ष्या करने वाला। ४. स्पर्धा करने वाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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