वादी/vaadee

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

वादी  : वि० [सं० वादिन्] १. बोलनेवाला। वक्ता। २. जो किसी वाद से सम्बन्ध रखता हो या उसका अनुयायी हो। जैसे—समाजवादी। पुं० १. वह जो कोई ऐसा विषय उपस्थित करे जिस पर विचार होने को हो या दूसरों को जिसका खंडन अथवा विरोध करना पड़े। २. वह जो न्यायालय में किसी के विरुद्ध कोई अभियोग उपस्थित करे। फरियादी। मुद्दई। २. संगीत में वह स्वर जो किसी राग में सर्वप्रमुख होता है, और जिसका उपयोग और स्वरों की अपेक्षा अधिक होता है। इसी स्वर पर ठहराव भी अपेक्षया अधिक होता है और इसी के प्रयोग से उस राग में जान भी आती है और उसकी शोभा भी होती है। जैसे—यमन राग में गांधार स्वर वादी होता है। स्त्री०=आई (वात की अधिकता या जोर)। (पश्चिम) वि०=वातग्रस्त। जैसे—वादी शरीर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
वादींद्र  : पुं० [सं० स० त०] मंजुघोष का एक नाम।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
वादीवदि  : क्रि० वि० [सं० वाद से] कह-बदकर। दृढ़तापूर्वक कह कर। उदा०–बहुतै कटकि माहि वादीवदि।—प्रिथीराज।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ