शब्द का अर्थ
|
भीमरथी :
|
स्त्री० [सं०] १. सह्य पर्वत से निकली हुई एक नदी (पुराण)। स्त्री० ७७वें वर्ष के सातवें मांस की सातवी रात की समाप्ति पर होनेवाली मनुष्य की शारीरिक अवस्था जो असह्र तथा बहुत कठिन होती है। (वैद्यक)। वि० ऐसा बुड्ढा जो ७०-८० वर्षों का हो चुका हो। बहुत बुड्ढा (व्यक्ति)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|