शब्द का अर्थ
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बाप :
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पुं० [सं० वाप=बीज बोनेवाला] पिता। जनक। पद—बाप का=पैतृक। बाप-दादा=पूर्व-पुरुष। पूर्वज। बाप-माँ=सब सब प्रकार से पालन और रक्षण करनेवाला। जैसे—सरकार बाप-माँ हैं, जो चाहें सो कहें। बाप रे !=बहुत अधिक आश्चर्य, भय, संकट आदि के समय कहा जानेवाला पद। मुहा०—(किसी का) बाप-दादा बखानना=किसी के बाप-दादा के दुर्गुण बतलाते हुए उन्हें गालियाँ देना और उनकी निदा करना। (किसी को) बाप बनाना=(क) बहुत अधिक आदरपूर्वक अपना पूज्य और बड़ा बनाना। (ख) अपना काम निकालने के लिए खुशामद करते हुए बहुत आदर-सम्मान प्रकट करना। |
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समानार्थी शब्द-
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बापा :
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पुं०=बप्पा। |
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बापिका :
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स्त्री० वापिका (बावली)। |
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बापी :
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स्त्री०=वापी (बावली)। |
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बापु :
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पुं०=वाप। |
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बापुरा :
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वि० [?] [स्त्री० बापुरी] १. जिसकी कोई गिनती न हो। तुच्छ। हीन। २. जिसकी देख-रेख करने, बात पूछने या रक्षा करनेवाला कोई न हो। बेचारा। |
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बापू :
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पुं० [फा० बाप] १. बाप। पिता। २. पिता तुल्य कोई वृद्ध पुरुष। ३. महात्मा गांधी के लिए प्रयुक्त होनेवाला एक आदरसूचक शब्द। |
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बापूकारना :
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स० [हिं० बापू+कारना (प्रत्य०)] ‘बापू’ कहकर ललकारना। (राज०) उदा०—बेली तदि बालभद्र बापूकारे।—प्रिथीराज। |
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बापोती :
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स्त्री०=बपौती। |
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