शब्द का अर्थ
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बरोक :
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पुं० [हिं० बर+रोकना] १. विवाह संबंध निश्चित होने के पहले होनेवाला एक कृत्य। विशेष दे० ‘बरच्छा’। २. वह धन जो उक्त अवसर पर कन्या पक्ष की तरफ से वर-पक्षवालों को दिया जाता है। अव्य० [फा० ब+हिं० रोक] किसी रोकटोक या बाधा के साथ। पुं० [सं० बलौकः] सेना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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