शब्द का अर्थ
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तपना :
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अ० [सं० तपन०] १. अधिक ताप से युक्त होना। तप्त होना। जैसे–तंदूर या तवा तपना। २. तप या तपस्या करना। ३. मन ही मन बहुत अधिक कष्ट या दुःख भोगना। संतप्त होना। उदाहरण–निरखि सहचरी को अति तपनौ, कहा लगी तब अपनौ सपनौ।–नंददास। ४. लोगों पर आतंक फैलाते हुए अपने तेज या प्रभुत्व का सिक्का जमाना। जैसे–वह कोतवाल अपने समय में बहुत तपा हुआ था। ५. केवल शान दिखाने के लिए आवश्यकता से अधिक प्रायः व्यर्थ के कामों में धन व्यय करना। जैसे–बाप के मरने पर कंजूस रईसों से लड़के खूब तपते हैं। ६. किसी काम में निरंतर लगे रहकर उसके लिए बहुत कष्ट भोगना। जैसे–आप तपे हुए देश-सेवी हैं। अ० [सं० तप] तपस्या करना। उदाहरण–-पहुँचे आनि तुरंत तपति भूपति जिहिं कानन।–रत्नाकर। |
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समानार्थी शब्द-
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तपनाराधन :
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पुं० [सं० तपन-आराधन] तपस्या। |
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समानार्थी शब्द-
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तपनांशु :
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पुं० [सं० तपन-अंशु० ष० त०] सूर्य की किरण। रश्मि। |
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