शब्द का अर्थ
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तकाजा :
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पुं० [अ० तकाजः=इच्छास, कामना] १. किसी आवश्यकता प्रवृत्ति, स्थिति आदि के फलस्वरूप प्राकृतिक या स्वाभाविक रूप से होनेवाला कोई कार्य या परिणाम अथवा आन्तरिक प्रेरणा। जैसे–लड़कों का बहुत अधिक उछल-कूद या पाजीपन करना उनकी उमर का तकाजा हैं। २. वह बात जो किसी से कोई काम करने, कराने या अपना प्राप्य प्राप्त करने के उद्देश्य से उसे स्मरण कराने और जल्दी करने के लिए कही या कहलाई जाती है। तगादा। जैसे–उनकी किताब दे आओं, कई बार उनका तकाजा आ चुका है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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