शब्द का अर्थ
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छाँह :
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स्त्री० [सं० छाया; पा० छाय, प्रा० छाआ, छाहा, का० छाय, उ० छाइ, पं० छाँ, सि० छाव, गु० छाँइ, मराठी सावली] १. दे० छाया। २.दे० प्रतिबिंब। ३. ऊपर से छाया हुआ स्थान। ४. शरण। मुहावरा–छाँह न छूने देना=किसी को पास या समीप न आने देना। ५. भूत-प्रेत आदि का प्रभाव। मुहावरा–छाँह बचाना=बहुत दूर या परे रहना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छाँहगीर :
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पुं० [हिं० छाँह+फा० गीर] १. राजछत्र। २. चँदोआ (दे०) ३. दर्पण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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