गलित/galit

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गलित  : वि० [सं०√गल्+क्त] १. (पदार्थ) जो पुराना या बासी होने के कारण गल या सड़ गया हो। गला हुआ। २. (तत्त्व या शरीर) जोस पुराना होने के कारण रस, सार आदि से रहित हो गया हो। जैसे-गलित अंग, गलित यौवन। ३. पुराने होने के कारण जो खंडित और जीर्ण-शीर्ण हो चुका हो। नष्ट-भ्रष्ट। ४. जिसमें गलने-गलाने आदि की प्रवृत्ति हो। जैसे–गलित कुष्ठ। ५. चुआ या चुआया हुआ। ६. जो आवेग, उमंग आदि की अधिकता के कारण मत्त होकर अ-वश या आपे से बाहर हो गया हो। उदाहरण–अति मद-गलित ताल पुल तें गुरु युगल उरोज उतंगनि कौ।–सूर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गलित-कुष्ठ  : पुं० [कर्म० स] आठ प्रकार के कुष्ठों में से एक जिसमें रोगी के अंग-गल-गलकर गिरने लगते हैं।
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गलित-यौवना  : वि० स्त्री० [ब० स०] (स्त्री०) जिसका यौवन बीत जाने के कारण बहुत कुछ नष्ट हो चुका हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गलितक  : पुं० [सं० गलित√कै(प्रतीत होना)+क] नृत्य में एक प्रकार की अंग-भंगी या मुद्रा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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