कीर्त्तन/keerttan

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कीर्त्तन  : पु० [सं०√कृत्+ल्युट-अन, इत्व, दीर्घ] १. किसी के गुण, यश आदि का बार-बार या बराबर किया जानेवाला कथन या बखान। यशोवर्णन। गुण-कथन। २. ईश्वर या देवता के नाम और यश का बार-बार विशेषतः गाते-बजाते हुए किया जानेवाला कथन।
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कीर्त्तनकार  : पुं० [सं० कीर्त्तन√कृ (करना)+अण्] वह जो गा-बजाकर ईश्वर या देवताओं का कीर्त्तन करता हो। कीरतनिया।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
कीर्त्तनिया  : पुं०=कीरतनिया (कीर्त्तनकार)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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