शब्द का अर्थ
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काव्य-लिंग :
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पुं० [ष० त०] साहित्य में एक अलंकार जिसमें किसी बात को सिद्ध करने के लिए प्रमाण स्वरूप कोई कारण बतलाया जाता है। उदाहरण—पुत्र मेरे परवश हो, मंत्र में पडे हैं जब कृष्ण और कृष्णा के तब तो नियति अवलम्ब अब मेरी है।—लक्ष्मीनारायण मिश्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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