शब्द का अर्थ
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काई :
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स्त्री० [सं० कावार] १. एक प्रकार की प्रसिद्ध बहुत छोटी वनस्पति जो जल में उगकर उसके कंकड़ों, पत्थरों आदि पर जम जाती है और जिस पर पैर पड़ने से आदमी और जानवर प्रायः फिसल जाते हैं। मुहावरा—काई की तरह फट जाना=बिलकुल छिन्न-भिन्न होकर इधर-उधर हो जाना। २. कोई ऐसा मैल जो कहीं अच्छी तरह जम या बैठ गया हो। जैसे—पहले इन बरतनों पर की काई छुड़ालो तब तीर्थ-यात्रा करने निकलना। ३. दरिद्रता आदि के कारण उत्पन्न दुर् अवस्था। जैसे—कुछ काम-धंधा करना सीखो जिससे घर की काई छूटे। ४. मन में एकत्र कलुष दुर्भाव पाप आदि मल। मलीनता। जैसे—पहले अपने मन की काई छुड़ा लो, तब तीर्थ-यात्रा करने निकलो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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