शब्द का अर्थ
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कलाई :
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स्त्री० [सं० कलाची] १. हथेली और कोहनी के बीच का उतना भाग जहाँ कड़े, चूड़ियाँ आदि पहनी जाती हैं। गट्टा। मणिबंध। २. सिले हुए कपड़े का उतना भाग जितना कलाई पर पड़ता है। स्त्री० [सं० कलापी] १. सूत आदि का लच्छा। २. घास आदि का पूला। ३. नई फसल के तैयार होने पर कुल-देवताओं की की जाने वाली पूजा। ४. दे० ‘कलावा’। स्त्री० [सं० कुलत्थ] उरद। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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