उत्क्रम/utkram

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उत्क्रम  : पुं० [सं० उद्√क्रम् (गति)+घञ्] १. ऊपर की ओर उठना या जाना। २. उन्नति या समृद्धि होना। ३. अनजान में या बिना किसी इष्ट उद्देश्य के ठीक मार्ग से इधर-उधर होना। (डिग्रेशन) विशेष-यह ‘विकल्प’ से इस बात में भिन्न है कि इसमें उचित मार्ग का त्याग किसी बुरे उद्देश्य से नहीं होता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उत्क्रम  : पुं० [सं० उद्√क्रम् (गति)+घञ्] १. ऊपर की ओर उठना या जाना। २. उन्नति या समृद्धि होना। ३. अनजान में या बिना किसी इष्ट उद्देश्य के ठीक मार्ग से इधर-उधर होना। (डिग्रेशन) विशेष-यह ‘विकल्प’ से इस बात में भिन्न है कि इसमें उचित मार्ग का त्याग किसी बुरे उद्देश्य से नहीं होता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उत्क्रमण  : पुं० [सं० उद्√क्रम्+ल्युट्-अन] १. ऊपर की ओर जाने की क्रिया या भाव। २. आज्ञा या कार्य-क्षेत्र का उल्लंघन करना। ३. आक्रमण। चढ़ाई। ४. मृत्यु। मौत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
उत्क्रमण  : पुं० [सं० उद्√क्रम्+ल्युट्-अन] १. ऊपर की ओर जाने की क्रिया या भाव। २. आज्ञा या कार्य-क्षेत्र का उल्लंघन करना। ३. आक्रमण। चढ़ाई। ४. मृत्यु। मौत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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