आभोग/aabhog

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

आभोग  : पुं० [सं० आ√भुज्+घञ्] १. किसी वस्तु का उपभोग करके उससे सुख प्राप्त करना। भोग। २. ऐसी सब बातें या लक्षण जिनसे किसी दूसरी बात या स्थिति अथवा उसके भोग का पता चले। जैसे—आभोग से पता चलता है कि किसी समय यह बहुत संपन्न नगर रहा होगा। ३. विधिक क्षेत्र में, किसी प्रकार के सुख या सुभीते का ऐसा भोग जो कुछ समय से होता आया हो और इसी प्रकार आगे भी चल सकता हो। आभुक्ति। (ईजमेन्ट) ४. किसी पद्य में कवि के नाम का उल्लेख। ५. तक्षक या नाग का फन जो वरुण के सिर पर छत्र के रूप में रहता है। ६. साँप।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आभोगी (गिन्)  : वि० [सं० आभोग+इनि] १. आभोग या भोग करनेवाला। २. खाने या भोजन करनेवाला। पुं० १. वह जो बराबर सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करता आया हो। २. आराम तलब।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आभोग्य  : वि० [सं० आ√भुज्+ण्यत्] (पदार्थ) जिसका भोग होता हो या हो सकता हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ