अनीहा/aneeha

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अनीहा  : स्त्री० [सं० न-ईहा, न० त०] १. ईहा (इच्छा या वासना) का अभाव। २. उदासीनता। निरपेक्षता। पु०-उप० [सं०√अन् (जीना)+उ] एक उपसर्ग जो शब्दों के पहले लगकर निम्नलिखित अर्थ देता है। (क) पीछे। बाद में। जैसे—अनुचर, अनुगत, अनगमन, अनुगायन आदि। (ख) साथ में लगा हुआ या पास। साथ-साथ। जैसे—अनुतट, अनुपथ आदि। (ग) प्रत्येक या हर एक। जैसे—अनुक्षण, अनुदिन आदि। (घ) कई बार या बार-बार। जैसे—अनुयाचन, अनुसीलन आदि। (च) तुल्य सदृश या समान। जैसे—अनुरूप। (छ) ठीक या नियमित। जैसे—अनुक्रम। अव्य-१. स्वीकृतिसूचक अव्यय। हाँ। २. इसके बाद या आगे। अब। ३. पीछे। उदाहरण—देहु उतरू अनु करहु कि नाहीं-तुलसी। पुं० =अणु।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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