अनन्य-भाव/anany-bhaav

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अनन्य-भाव  : पुं० [सं० अन्य-भाव, स० त० न-अनन्यभाव, न० त०] एक निष्ठ भक्ति या साधना। वि० जिसका भाव या भक्ति एक ही के प्रति हो, किसी दूसरे के प्रति न हो। एकनिष्ठ भक्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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