अनन्य-गुरु/anany-guru

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अनन्य-गुरु  : वि० [सं० न-अन्य-गुरु, न० ब०] १. जिससे कोई बड़ा न हो। २. जिसके लिए एक को छोड़ कोई और गुरु न हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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