Calculator - Hindi book by - Editorial - केलकुलेटर (गणक) - सम्पादकीय

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केलकुलेटर (गणक)

सम्पादकीय

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :0
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 22
आईएसबीएन :

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कम्पयूटरों के पूर्वज। साधारण अंकगणित से लेकर समीकरणों तक को हल करने में सक्षम

गणक क्या होता है?


एक ऐसा यंत्र जो गणना अथवा गणनाएँ करने की क्षमता रखता है, उसे गणक कहते हैं। अंग्रेजी भाषा के शब्द केलकुलेटर का प्रयोग पचास से अधिक वर्षों से इस प्रकार के यंत्र के लिए किया जा रहा है। आरंभिक दिनों में यह एक बड़े आकार का यंत्र हुआ करता था। परंतु आज इसे हाथ की घड़ी के आकार के यंत्रों में भी पाया जाता है। यह यंत्र हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है, उदाहरण के लिए सुपर बाजार, जहाँ एक ही दुकान में भोजन, प्रसाधन, कपड़े आदि विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ मिलती है, उनमें क्रय किए गये सामान के लिए पैसा दिया जाता है, उसमें भी एक गणक लगा होता है, जो वस्तुओं की मात्रा, अथवा संख्या के अनुसार उनके मूल्य की गणना करता है।

संभवतः हम सभी ने अपने विद्यालयीन काल में इसका प्रयोग अवश्य किया होता है। इस प्रकार के गणक आसानी से हाथों में रखते हुए प्रयोग किए जा सकते हैं।

कुछ वर्षों पहले तक बच्चों को गणित की सारणी (पहाड़े) सिखाए जाते थे, परंतु अब धीरे-धीरे इसका प्रचलन खत्म हो रहा है। अब लगभग सभी स्मार्ट फोनों में गणक (केलकुलेटर) की सुविधा (एप) होती है, जिसका प्रयोग कर साधारण अंक गणित की जा सकती है। मनोरंजन के लिए गणित की सारणियाँ याद रखना अथवा मानसिक अभ्यास के लिए मन ही मन गणनाएँ करना अब भी अच्छा माना जाता है।

गणक कैसे काम करता है?


गणना का साधारण अर्थ ही पुनरावृत्ति करना है। उदाहरण के लिए मनुष्य अपनी उंगलियों को एक से दस तक गिनता है, फिर उसके बाद उस गिने हुए हो को एक मान लेता है। इसी प्रकार पुनः अपनी उंगलियों को एक से दस तक गिनता है, अब उसे दो का मान देता है। इसे दस बार दोहराकर वह सौ तक की गिनती करता है। इस प्रक्रिया का आधार पुनरावृत्ति है, जिसका अर्थ है, एक ही क्रिया को बार-बार करना। उदाहरण के लिए हम दो डण्डों की सहायता लेकर उनसे दो धन दो अथवा दो गुणा दो का मान जो कि चार होता है, उसे निकाल सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इसी प्रकार दो अंको का प्रयोग करते हुए आवृत्ति और पुनरावृत्ति करते हुए बड़ी से बड़ी गणना कर सकते हैं। इसी प्रकार संगणक (कम्प्यूटर) भी इसी सिद्धान्त पर कार्य करते हुए कठिन से कठिन समस्या को हल कर लेते हैं।

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