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मैनेजमेंट

सम्पादकीय

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2018
पृष्ठ :0
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 13
आईएसबीएन :

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अधिकांशतः हार्डवेयर हर समय (लगातार दिन-रात) सेवाएँ प्रदान करने के लिए बनाए जाते हैं, ऐसी अवस्था में यदि मरम्मत अथवा सुधार की आवश्यकता पड़े तो उसके प्रबंधन के लिए पहले से ही व्यवस्था बनाकर रखी जाती है।

आईटी जगत् में सेवाएँ चौबीसो घण्टे और हर दिन लगातार चलती रहती है। समय के साथ उपयोगकर्ता अब यह मानकर चलते हैं कि उन्हें सेवाएँ दिन-रात मिलती रहेंगी। लेकिन अन्य मशीनों की तरह कम्प्यूटरों में भी टूट-फूट और खराबी आती रहती है। साथ यदि उपयोगकर्ता बढ़ जाएं, उन्हें और अधिक सेवाएँ कम्प्यूटरों के जरिए मिल सकें इसके लिए कम्प्यूटरों की संख्या अथवा उनकी क्षमता में लगातार वृद्धि करनी पड़ती है। इस प्रकार के नित्य-प्रति के प्रबंधन के लिए कोई भी साफ्टवेयर अथवा हार्डवेयर उपयोगकर्ताओँ की सेवा में लगाने से पहले ही सोचना पड़ता है। जिस प्रकार किसी अच्छे रेस्टारेंट में भोजन करने आने वाले बाहर के द्वार से आते हैं, लेकिन रसोइया और भोजन सामग्री तथा अन्य सेवाकर्मी पीछे के द्वार से आते-जाते हैं। यदि इसे पहले से न सोचा जाये, तो सारा कार्य सामने के द्वार करना होगा, जिससे असुविधा भी होगी और काम पर भी असर पड़ेगा। इसलिए आईटी के सिस्टम के प्रबंधन की व्यवस्था पहले से सोची जाती है और समय के साथ उसमें लगातार सुधार किया जाता है, ताकि ग्राहकों को अबाध सेवाएँ मिलती रहें।

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